Here are the Best Collection of The Maa Shayari In Hindi and saying In Hindi .100+ माँ शायरी इन हिंदी |
दोस्तों आज हमने माँ पर शायरी लिखी है ,हमने माँ पर शायरी लिखकर जीवन मई उनके महत्व के बारे मैं बताने की कोशिश की है। हमें जीवन जीने की राह दिखती है उसके बिना जीवन निराशा सा हो जाता है माँ के बिना इस दुनिया की कल्पना करना मुश्किल है।
1.वो कहते है न माँ शब्द अपने आप में परिपूर्ण है दुनिया में हम चाहे कितने भी रिश्ते क्यू न बना ले,
लेकिन माँ के बिना हमारा जीवन अधुरा का अधुरा ही होता है।
2.हर रिश्ते को आप से कुछ पाने की आस रहता है क्यों की जे मतलब की दुनिया होती है।
लेकिन माँ अपने पुत्र के बीच एक ऐसा रिश्ता होता है।
3.जो एक माँ अपने अपने संतान को जीवनपर्यन्त सिर्फ देना जानती है,
माँ भूखी सो सकती है लेकिन कभी भी अपने पुत्र
को भूखे पेट सोना का सपने भी नही देखना चाहती है।
4.माँ तो हर वक्त अपने पुत्र के लिए हमेशा अच्छा ही सोचती है,
की किस प्रकार उसका पुत्र आगे बढे और जग में नाम करे।
5.मैंने ” माँ ” के कंधे पर सर रख कर पूछा , “माँ ” कब तक मुझे अपने कन्धों पर सोने दोगी!
माँ का जवाब था बेटा जब तक तू, मुझे अपने कंधे पर ना उठा ले तब तक
माँ से ऐसा रिश्ता बनाया जाए, जिसको निगाहों में बिठाया जाए,
रहे उसका और मेरा रिश्ता कुछ ऐसा कि वो अगर उदास हो तो मुझसे भी मुस्कराया न जाए …
जन्नत का दूसरा नाम माँ है…
6.ज़िन्दगी में ऊपर वाले से इतना जरूर मांग लेना की,
माँ के बिना कोई घर ना हो और कोई माँ बेघर ना हो।

7.इस दुनियां में जिसने अपनी माँ से सच्चा रिश्ता बनाय है🤗
उसे मतलबी रिश्तों की जरूरत नहीं होती ।
8.भगवान हर जगह नहीं हो सकते,
इसलिए उसने माँ बनायीं।
9.आंधियों से लड़ जाते है वो जो अपनी माँ के साथ होते है ।
हवाए भी डराती है उनको जो अपनी माँ के खिलाफ होते है ।
10.उसके चहरे पे न कभी थकावट देखी है,
न ममता में कभी मिलावट देखी है।
11.किसी ने रोजा रखा और किसी ने उपवास रखा
भगवान उसी को मिला जिसने अपनी माँ का खयाल रखा ।
12.मैं करता रहा सैर जन्नत में रातभर सुबह,
आँख खुली तो देखा सर माँ के कदमों में था।
Maaaa

13.कैसे कह दूं कि तू पूरा है इस दुनिया को बनाने
वाले भगवान मां के बिना तो तू भी हो अधूरा है ।
14.है एक कर्ज़ जो हर दम सवार रहता है,
वो माँ का प्यार है . सब पर उधार रहता है ! !
15.जिंदगी में रिश्ते नाते सब कुछ बदल जाते हैं
पर मां की मोहब्बत कभी नहीं बदलती ।
16.माँ मैंने पूरी दुनिया देखी है घूमकर ।
पर तेरी गोद का सुकून कही नही मिला ।
17.इस दुनिया में जितने रिश्ते , सारे झूठे बेहरूप,,
एक माँ का रिश्ता सबसे अच्छा ,माँ है रब का रूप।
18.हालातों के आगे जब साथ ना जुबौं होती है,
पहचान लेती है खामोशी में हर दर्द वो सिर्फ ” माँ ” होती है।
19.हैरान हो जाता हूँ मैं अक़्सर,
देखकर खुदाओं के दर पे हुजूम,
माँ, तेरी गोद में मुझे,
जन्नत का एहसास होता है।

20.घुटनों से रेंगते-रेंगते जब
पैरों पर खड़ा हो गया,
माँ तेरी ममता की छाँव में,
जाने कब बड़ा हो गया।
21.”खाने की चीज़ें मां ने जो भेजी हैं गांव सेबासी हो
गई हैं मगर लज़्ज़त वही रही”
22.”बुज़ुर्गों का मेरे दिल से अभी तक डर नहीं जाताकि
जब तक जागती रहती है माँ मैं घर नहीं जाता”
23.माँ मैं तुझको खोना नहीं चाहती,
तुझे देख रोना नहीं चाहती,
तुझ से जुड़ गया है दिल मेरा,
तुझे छोड़ कुछ पाना नही चाहती।
24.“एक माँ के दिल की आवाज” –कम से बच्चों के होंठों की
हंसी की ख़ातिरऐसे मिट्टी में मिलाना कि खिलौना हो जाऊं”
25.हर रिसते में मिलावट देखी है ,
कच्चे रंगो की सजावट देखी है,
लेकिन सालों साल देखा है, माँ को |

26.”जन्नत का हर लम्हा….दीदार किया थागोद मे
उठाकर जब माँ ने प्यार किया था”
27.जिंदगी की पहली Teacher माँ,
zindagi की पहली Friend माँ ,
जिंदगी भी माँ क्योंकि,
zindagi देने वाली भी माँ,
28.माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाए,
जिसको निगहों में बिठाया जाए,
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसे कि,
वो अगर उदास हो तो हमसे श्री मुस्कुराया ना जाऐ।
29.यूं ही नहीं गूंजती किल्कारीयां घर आँगन के हर कोने मेंजान
हथेली पर रखनी पड़ती है ‘माँ’ को ‘माँ’ होने में
30.उसकी डांट में भी प्यार नजर आता है,
माँ की याद में दुआ नजर आती है।
31.किसी भी मुस्किल का अब,
किसी को हल नहीं निकलता ,
शायद अब घर से कोई,
माँ के पैर छुकर नहीं निकलता,

32.इस लिए चल न सका कोई भी ख़ंजर मुझ पर
मेरी शह-रग पे मेरी माँ की दुआ रक्खी थी
33.तेरी डिब्बे की वो दो रोटिया कही बिकती नहीं
माँ,
महंगे होटलों में आज भी भूख मिटती नहीं
34.सब कुछ मिल जाता है दुनिया में मगर,
याद रखना कि माँ-बाप नहीं मिलते,
मुरझा कर जो गिर जाये एक बार डाली से,
ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते।
35.गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें हैं कितने
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी
36.कही हो जाये ना घर की मुसीबत लाल को मालूम,
छुपा कर तकलीफें तेरा मुस्कुराना याद आता है।
जब आये थे तुझे हम छोड़ कर परदेश मेरी माँ,
मुझे वो तेरा बहुत आंसू बहाना याद आता है।
37.जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,
में खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ।

38.वह माँ ही है जिसके रहते,
जिंदगी में कोई गम नहीं होता,
दुनिया साथ दे या ना दे पर,
माँ का प्यार कभी कम नहीं होता।
39.बर्तन माज कर माँ चार बेटो को पाल लेती है,
लेकिन चार बेटो से माँ को दो वक्त की रोटी नही दी जाती।
40.रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और तड़पती है माँ,
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,
जब मुसीबत आती है तो याद आती है माँ।
41.आँखों से माँगने लगे पानी वज़ू का हम
काग़ज़ पे जब भी देख लिया माँ लिखा हुआ
42.जिस के होने से मैं खुदको मुक्कम्मल मानता हूँ
मेरे रब के बाद मैं बस अपनी माँ को जानता हूँ
43.माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ,
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,
एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ।

44.माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल में सुलाओ
उँगलियाँ फेर कर बालों में मेरे
एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ
45.ठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,
हैरत से न देख मुझे मंज़र नहीं हूँ मैं,
तेरी नज़रों में मेरी क़दर कुछ भी नहीं,
मेरी माँ से पूछ उसके लिए क्या नहीं हूँ मैं।
46.किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है
कदम जब चूम ले मंज़िल तो जज़्बा मुस्कुराता है
दुआ लेकर चलो माँ की तो रस्ता मुस्कुराता है
47.बहुत बेचैन हो जाता है जब कभी दिल मेरा
मैं अपने पर्स में रखी अपनी माँ की तस्वीर को देख लेता हूँ
48.मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार
दुख ने दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार

49.माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ,
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,
एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ।
50.ऊपर जिसका अंत नहीं उसे ‘आसमां’ कहते हैं
इस जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे ‘माँ’ कहते हैं
51.रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और तड़पती है माँ,
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,
जब मुसीबत आती है तो याद आती है माँ।
52.हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए
हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए
हजारों बून्द चाहिए समुद्र बनाने के लिए
पर “माँ “अकेली ही काफी है
बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए
53.मेरी खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,
अपने हाथो को चूल्हे में जलाना याद आता है।
वो डांट-डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।

54.माँ के लिए दुनिया की सब खुशियाँ छोड़ देना ऐ दोस्तों क्योंकि माँ ने तुम्हें पाने के लिए भी अपनी खुशियों का गला घोंटा है|
माँ की आँखों में अगर आँसू भी आ जाए तो उस आँसू को व्यर्थ मत जाने देना.
55.माँ पर दिल को छू लेने वाली शायरियाँ निम्नलिखित है| पढ़िये और आगे भी भेजिये|
दूसरों के लिए समय बर्बाद कर देते हो कभी अपनी माँ के लिए भी समय निकाल लिया करों|
56.तेरे ही आँचल में निकला बचपन,
तुझ से ही तो जुड़ी हर धड़कन,
कहने को तो माँ सब कहते
पर मेरे लिए तो है तू भगवान|
57.”हँसकर मेरा हर गम भुलाती है माँ,
मैं रोता हूँ तो सीने से लगाती है माँ,
बहुत दर्द दिया है इस ज़माने ने मुझको,
सबकुछ झेलकर जीना सिखाती है माँ..”
58.माँ की दुआ कभी खाली नहीं जाती,
माँ की बात कभी टाली नहीं जाती,
अपने सब बच्चे पाल लेती है बर्तन धोकर,
और बच्चों से एक माँ पाली नहीं जाती.

59.न जाने क्यों आज अपना ही घर मुझे अंजान सा लगता है,
तेरे जाने के बाद ये घर- घर नहीं खाली मकान सा लगता है|
60.हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए,
हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए
हजारों बून्द चाहिए समुद्र बनाने के लिए,
पर “माँ “अकेली ही काफी है,
बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए..!!
61.कौन सी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती,
सब कुछ मिल जाता है लेकिन “माँ” नहीं मिलती…
माँ-बाप ऐसे होते हैं दोस्तों जो ज़िन्दगी में फिर नहीं मिलते,
खुश रखा करो उनको फिर देखो जन्नत कहाँ नहीं मिलती….!
62.”जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,
में खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ..”
63.बच्चों को खिलाकर जब सुलादेती है माँ,
तब जाकर थोडा सा सुकोन पाती है माँ,
प्यार कहते हैं किसे ? और ममता क्या चीज़ है ?,
कोई उन बच्चों से पूछे जिनकी गुज़र जाती है माँ,
चाहे हम खुशियों में माँ को भूल जाएँ ,
जब मुसीबत सर पर आती है तो याद आती है माँ…
64.जिँदगी की पहली Teacher माँ,
जिँदगी की पहली Friend माँ,
Jindagi भी माँ क्योँकि,
Zindagi देने वाली भी माँ…!

65.”माँ की दुआ कभी खाली नहीं जाती,
माँ की बात कभी टाली नहीं जाती,
अपने सब बच्चे पाल लेती है बर्तन धोकर,
और बच्चों से एक माँ पाली नहीं जाती..”
66.माँ से रिश्ता कुछ ऐसा बनाया
जिसको निगाहों में बिठाया जाए
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा की
वो अगर उदास हो तो हमसे भी मुस्कुराया न जाये…!
67.ये जो सख्त रस्तो पे भी आसान सफ़र लगता हे
ये मुझ को माँ की दुआओ का असर लगता हे
एक मुद्दत हुई मेरी मां नही सोई तबिश …
मेने एक बार कहा था के मुझे डर लगता हे..!!!
68.घर में धन, दौलत, हीरे, जवाहरात सब आए,
लेकिन जब घर में मां आई तब खुशियां आई..”
69.माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा,
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा,
रब हर एक माँ को सलामत रखना,
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा…!
70.”कौन सी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती,
सब कुछ मिल जाता है पर माँ नहीं मिलती..”
71.हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है
हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है
अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है..

72.माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल में सुलाओ,
उँगलियाँ फेर कर बालों में मेरे,
एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ…!
73.ऐ मेरे मालिक
तूने गुल को गुलशन में जगह दी,
पानी को दरिया में जगह दी,
पंछियो को आसमान मे जगह दी,
तू उस शख्स को जन्नत में जगह देना,
जिसने मुझे “..नौ..” महीने पेट में जगह दी….!!
74.किसी ने रोजा रखा किसी ने उपवास रखा,
कुबूल उसका हुआ जिसने अपने माँ-बाप को अपने पास रखा….!!
75.रूह के रिश्तों की ये गहराइयों तो देखिये,
चोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँ,
हम खुशियाँ में माँ को भले ही भूल जाये,
जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है माँ|
76.तेरे ही आँचल में निकला बचपन,
तुझ से ही तो जुड़ी आर धड़कन,
कहने को तो माँ सब कहते
पर मेरे लिये तो है तू भगवान|
77.एक महिला समान रूप से पत्नी और
माँ के रूप में बलिदान करती है !!
78.क्या मंदिर, क्या मस्जिद, क्या गंगा की धार करे.. वो घर
ही मंदिर जैसा है जिसमे औलाद माँ बाप का सत्कार करे.
79.हालातों के आगे जब साथ
न जुबां होती है,
पहचान लेती है खामोशी में हर दर्द
वो साफ “माँ” होती है|
80.माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमों में जन्नत,
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।
81.ये कहकर मंदिर से फल की पोटली चुरा ली माँ ने….
तुम्हे खिलाने वाले तो और बहुत आ जायगे गोपाल…
मगर मैने ये चोरी का पाप ना किया तो भूख से मर जायेगा मेरा लाल…!
82.पता नहीं क्या जादू है माँ के पैरों में ।।
जितना झुकता हूँ , उतना ही ऊपर जाता हूँ !!
83.आँख खोलू तो चेहरा मेरी माँ का हो
आँख बंद हो तो सपना मेरी माँ का हो
मैं मर भी जाऊं तो भी कोई गम नहीं
लेकिन कफ़न मिले तो दुपट्टा मेरी माँ का हो!!
84.जो बच्चा छोड़ आता है माँ के दामन का
चमन जिंदगी उसके लिए फिर वीरान रहती है !
85.“माँ” की एक दुआ जिन्दगी बना देगी,
खुद रोएगी मगर तुम्हे हँसा देगी…
कभी भुल के भी ना “माँ” को रूलाना,
एक छोटी सी गलती पूरा अर्श हिला देगी…!!

86.माँ की दुआओं मे जन्नत है माँ के आँचल मे स्वर्ग है जिसकी ऊँगली पकड़
तू चला तू आज इतना सक्षम हो गया कि तुझे आज वो बोझ लगी” !!
87.माँ ने तो उम्र भर संभाला ही था
हमें तो जिंदगी ने रुलाया है,
कहाँ से पड़ती काँटों की आदत हमें
माँ ने हमेशा अपनी गोद में सुलाया है|
88.उनका कंधा खुदा ने ना जाने कितना मज़बूत बनाया है,
हमारी ख्वाहिशों को उठाते हुए माँ बाप ने कभी उफ़ तक…करते !!
89.जब – जब कागज पर लिखा मैंने माँ का नाम,
कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम|
90.है गरीब मेरी माँ फिर भी मेरा ख्याल रखती है,
मेरे लिए रोटी और अपने लिए पतीले की खुरचन रखती है।
91.जब भी गंदा होता हूँ में वो साफ कर देती है,
अपनी हर संतान के साथ इंसाफ कर देती है,
नाराज होना तो फितरत होती है औलादों
माँ से जब भी माफी मांगों हर खता माफ कर देती है|
92.वो जमीन मेरा वो ही असमान है
वो खुदा मेरा वो ही भगवान है,
क्यों मैं जाऊ उसे कहीं छोड़ के
माँ के कदमों में सारा जहान है|

93.बचपन में जब चलते-2 गिर जाता था तो माँ कहती थी चुप हो जा बेटा देख चींटी दब के मर गई
अब मैं जब भी गिरता हु तो ज़मीर दबा नज़र आता है चींटी नहीं !!!
94.मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊं
मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं !
95.बुज़ुर्गों का मेरे दिल से अभी तक डर नहीं जाता
कि जब तक जागती रहती है माँ मैं घर नहीं जाता !
96.बालाएं आकर भी मेरी चौखट से लौट जाती हैं,
मेरी माँ की दुआएं भी कितना असर रखती हैं।
97.ख़ुदा ने ये सिफ़त दुनिया की हर औरत को बख्शी है,
कि वो पागल भी हो जाए तो बेटे याद रहते है !
98.अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की ‘राना’
माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है !
99.उसे है ईश्वर ने बनाया कुछ इस तरह
कि अपने दिल में किसी को भी दे दे वह जगह
बस थोड़ा सम्मान और आदर है मांगती
मेरी मां है सब कुछ जानती !

100.घुटनों से रेंगते-रेंगते जब पैरों पर खड़ा हो गया
माँ तेरी ममता की छाँव में जाने कब बड़ा हो गया !
111.वो उजला हो के मैला हो या मँहगा हो के सस्ता हो,
ये माँ का सर है इस पे हर दुपट्टा मुस्कुराता है।
112.सबकुछ मिल जाता है दुनिया में मगर
याद रखना कि बस माँ-बाप नहीं मिलते !
113.तेरे क़दमों में ये सारा जहां होगा एक दिन
माँ के होठों पे तबस्सुम को सजाने वाले !
114.माँ, भले ही पढ़ी-लिखी हो या नहीं, पर संसार का
दुर्लभ व महत्वपूर्ण ज्ञान हमें माँ से ही प्राप्त होता है।
115.सीधा साधा भोला भाला मैं ही सब से सच्चा हूँ
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ !
116.आज लाखों रुपये बेकार हैं
वो एक रुपये के सामने
जो माँ स्कूल जाते वक्त देती थी !
117.जब एक रोटी के चार टुकड़े हों और खाने वाले पाँच..
तब मुझे भूख नहीं है ऐसा कहने वाली इंसान है – माँ !
118.ऊपर जिसका अंत नहीं
उसे आसमां कहते हैं
इस जहाँ में जिसका
अंत नहीं उसे
माँ कहते हैं…!
119.पूछता है जब कोई मुझसे कि
दुनिया में मुहब्बत अब बची है कहाँ ?
मुस्कुरा देता हूँ मैं
और याद आ जाती है “माँ”

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