Are you finding the best Poems on Sun in Hindi? then here we have collected the best Hindi Poems on Sun[सूरज पर कुछ कवितायेँ | ].
These Hindi Poems on Sun are written by great Hindi poets si please share these सूरज पर कुछ कवितायेँ | Suraj ka kavita in Hindi.
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Best Sun Poems in Hindi | सूरज पर कुछ कवितायेँ |
Here we have the 11+ Sun Poems in Hindi
- सूर्य कविता | विमल निभा | Suraj ka kavita in Hindi
- सूर्य | नरेश सक्सेना | Surya Poem in Hindi
- सूर्य का स्वागत | दुष्यंत कुमार | Short Poem on Suraj in Hindi
- सूर्य उवाच | बालकवि बैरागी | Kavitha on Suraj in Hindi
- सूर्य अस्त | मुकेश चन्द्र पाण्डेय
- सूर्य | कुँअर रवीन्द्र | Suraj ki Kavita Hindi Mein
- प्रकाश-सूर्य | पुष्पिता
- सूर्य की अंधी आँख खुली है | केदारनाथ अग्रवाल
- सूर्य ग्रहण | प्रभुदयाल श्रीवास्तव
- तुम कभी थे सूर्य | चंद्रसेन विराट
- अपरिबर्तनीय सूर्य | विमल गुरुङ
1.सूर्य कविता | विमल निभा | Suraj ka kavita in Hindi
सूर्य एक कविता हो
सूर्य कलात्मक छ
भावपूर्ण छ
लययुक्त छ
सूर्यको पङ्क्ति–पङ्क्ति पढ्न मन लाग्छ
अक्षर–अक्षर लेख्न मन लाग्छ
शब्द–शब्द सुनाउन मन लाग्छकविता एक सूर्य हो
कविता चम्किलो हुन्छ
तापपूर्ण हुन्छ
प्रकाशयुक्त हुन्छ
कविताको न्यानो घाम ताप्न मन लाग्छ
तातो बाँड्न मन लाग्छ
चमक छर्न मन लाग्छसूर्य एक कलात्मक, भावपूर्ण र लययुक्त कविता हो
कविता एक चम्किलो, तापपूर्ण र प्रकाशयुक्त सूर्य होसाथी, सूर्य र कवितामा कुनै अन्तर छैन
दुवै अन्धकारका कट्टर दुस्मन हुन् ।
2.सूर्य | नरेश सक्सेना | Surya Poem in Hindi
ऊर्जा से भरे लेकिन
अक्ल से लाचार, अपने भुवन भास्कर
इंच भर भी हिल नहीं पाते
कि सुलगा दें किसी का सर्द चूल्हाठेल उढ़का हुआ दरवाज़ा
चाय भर की ऊष्मा औ रोशनी भर दें
किसी बीमार की अन्धी कुठरिया मेंसुना सम्पाती उड़ा था
इसी जगमग ज्योति को छूने
झुलस कर देह जिसकी गिरी धरती पर
धुआँ बन पंख जिसके उड़ गए आकाश मेंअपरिमित इस ऊर्जा के स्रोत
कोई देवता हो अगर सचमुच सूर्य तुम तो
क्रूर क्यों हो इस कदरतुम्हारी यह अलौकिक विकलांगता
भयभीत करती है ।
3.सूर्य का स्वागत | दुष्यंत कुमार | Short Poem on Suraj in Hindi
आँगन में काई है,
दीवारें चिकनीं हैं, काली हैं,
धूप से चढ़ा नहीं जाता है,
ओ भाई सूरज! मैं क्या करूँ?
मेरा नसीबा ही ऐसा है!खुली हुई खिड़की देखकर
तुम तो चले आए,
पर मैं अँधेरे का आदी,
अकर्मण्य…निराश…
तुम्हारे आने का खो चुका था विश्वास।पर तुम आए हो–स्वागत है!
स्वागत!…घर की इन काली दीवारों पर!
और कहाँ?
हाँ, मेरे बच्चे ने
खेल खेल में ही यहाँ काई खुरच दी थी
आओ–यहाँ बैठो,
और मुझे मेरे अभद्र सत्कार के लिए क्षमा करो।
देखो! मेरा बच्चा
तुम्हारा स्वागत करना सीख रहा है।
4.सूर्य उवाच | बालकवि बैरागी | Kavitha on Suraj in Hindi
आज मैंने सूर्य से बस ज़रा सा यूँ कहा
‘‘आपके साम्राज्य में इतना अँधेरा क्यूँ रहा ?’’
तमतमा कर वह दहाड़ा—‘‘मैं अकेला क्या करूँ ?
तुम निकम्मों के लिए मैं ही भला कब तक मरूँ ?
आकाश की आराधना के चक्करों में मत पड़ो
संग्राम यह घनघोर है, कुछ मैं लड़ूँ कुछ तुम लड़ो।’’
5.सूर्य अस्त | मुकेश चन्द्र पाण्डेय
मैंने देखा है सूरज को भी जलते, बुझते, फड़फड़ाते हुए
संघर्ष करते, पसीने बहाते हुए।
नियति की मार झेलते किसी काले बादल के पीछे
निस्तेज मुख को छुपाते हुए मैंने देखा है।मैंने देखा है सूरज के हाथों में त्याग-पत्र।
उसके ललाट पर चिंताओं की महीन रेखाएं
अवसादों की गर्द से फीका पड़ा अलोक।
मैंने देखी हैं मजबूरियां,
जिम्मेदारियों के बोझ तले
दबते हुए उसके जोश को मैंने देखा है।ठीक दोपहर-
युवावस्था में हांफते, लम्बी आहें भरते,
मस्तिष्क पर चक्रवात व आँखों पर अंधकार झेलते
उसके कमजोर पड़ते
कदमों को लड़खड़ाते हुए मैंने देखा है।मैंने उजालों की अथाह मांगें देखी हैं।
बगावत के ऊँचे स्वरों में रौशनियों को नारा लगाते सुना है,
अगिनत किरणों को षड्यंत्रों के चक्रव्यूह रचते,
अनंत अपेक्षाओं और दबावों से बिगड़ी जलवायु
व वातावरण की असहजता को मैंने देखा है।मैने कटने से पहले ही फसलों को उजड़ते हुए देखा है,
भांपा है मायूसी को, सन्नाटों के छिद्रों से
फूटते उद्वेगों को महसूस किया है।
विषाद से भरे हुए, रुदन में सिक्त
बेवक़्त चढ़ती रात में
मुरझाये हुए सूरज को अस्त होते हुए मैंने देखा है।।
6.सूर्य | कुँअर रवीन्द्र | Suraj ki Kavita Hindi Mein
मैंने उगते हुए सूर्य को देखा है
भारी भीड़ के बीच खड़े होकर
मैंने डूबते हुए सूर्य को भी देखा है
अकेले खड़े रह कर
सूर्य जब भी डूबा है
अकेला ही
आस पास
दूर-दूर तक कोई और नहीं
और लोग तुरंत ही
नये दिन के साथ नए सूर्य की
अगवानी के लिए
उत्साहित हो जुट जाते हैं
7.प्रकाश-सूर्य | पुष्पिता
मौन प्रणय
लिखता है शब्द
एकात्म मन अर्थमुँदी पलकों के
एकान्त में
होते हैं स्मरणीय स्वप्नप्रेम
उर-अन्तस में
पिरोता है स्मृतियाँ
स्मृतियों में राग
राग में अनुराग
अनुराग में शब्द
शब्द में अर्थ
अर्थ में जीवन
जीवन में प्रेम
प्रेम में स्वप्नप्रणय-रचाव शब्दों में
होता है सिर्फ प्रेम
जैसे सूर्य में सिर्फ
प्रकाश और ताप!
8.सूर्य की अंधी आँख खुली है | केदारनाथ अग्रवाल
देखने को बहुत कुछ दिख रही है
न देखने खाली आँख खुली है
और कुछ नहीं दिख रहा
देखकर देखना गायब है
सूर्य की अंधी आँख खुली है
न देश दिखता है
न विदेश
न पहाड़ जैसा क्लेश
न चीरता आरा
न पेट भरने को चारा
9.सूर्य ग्रहण | प्रभुदयाल श्रीवास्तव
बहुत दिनों से सोच रहा हूँ,
मन में कब से लगी लगन है।आज बताओ हमें गुरुजी,
कैसे होता सूर्य ग्रहण है।बोले गुरुवर, प्यारे चेले,
तुम्हें पड़ेगा पता लगाना।तुम्हें ढूँढना है सूरज के,
सभी ग्रहों का ठौर ठिकाना।ऊपर देखो नील गगन में,
हैं सारे ग्रह दौड़ लगाते।बिना रुके सूरज के चक्कर
अविरल निश दिन सदा लगाते।इसी नियम से बंधी धरा है,
सूरज के चक्कर करती है।अपने उपग्रह चंद्रदेव को,
साथ लिए घूमा करती है।चंद्रदेव भी धरती माँ के,
लगातार घेरे करते हैं।धरती अपने पथ चलती है,
वे भी साथ चला करते हैं।इसी दौड़ में जब भी चंदा,
बीच, धरा सूरज के आता।चंदा की छाया से सूरज,
हमको ढंका हुआ दिख पाता।सूरज पर चंदा की छाया,
ही कहलाती सूर्य ग्रहण है।जरा ठीक से समझोगे तो,
इसे जानना नहीं कठिन है।
10.तुम कभी थे सूर्य | चंद्रसेन विराट
तुम कभी थे सूर्य लेकिन अब दियों तक आ गये।
थे कभी मुख्पृष्ठ पर अब हाशियों तक आ गये॥यवनिका बदली कि सारा दृष्य बदला मंच का।
थे कभी दुल्हा स्वयं बारातियों तक आ गये॥वक्त का पहिया किसे कुचले कहाँ कब क्या पता।
थे कभी रथवान अब बैसाखियों तक आ गये॥देख ली सत्ता किसी वारांगना से कम नहीं।
जो कि अध्यादेश थे खुद अर्जियों तक आ गये॥देश के संदर्भ में तुम बोल लेते खूब हो।
बात ध्वज की थी चलाई कुर्सियों तक आ गये॥प्रेम के आख्यान में तुम आत्मा से थे चले।
घूम फिर कर देह की गोलाईयों तक आ गये॥कुछ बिके आलोचकों की मानकर ही गीत को।
तुम ॠचाएं मानते थे गालियों तक आ गये॥सभ्यता के पंथ पर यह आदमी की यात्रा।
देवताओं से शुरू की वहशियों तक आ गये॥
11.अपरिबर्तनीय सूर्य | विमल गुरुङ
सूर्यलाई आक्रमण गर्ने मान्छे
सूर्यलाई, एटम र हाइड्रोजन
पिलाएर
मताउन खोज्ने मान्छे
सूर्यलाई आइसबक्समा कैद गर्दा
सूर्य कहिल्यै चोसो हुन्छ?
I hope you liked the best Poem on Sun in Hindi | सूरज पर कुछ कवितायेँ |. Please share these Hindi Kavita on Sun with your friends and family.
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