6+ Swachh Bharat Abhiyan Poems | स्वच्छ भारत अभियान कविता

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Last Updated on August 8, 2023

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Here we collected the 8 Poems on Swachh Bharat Abhiyan including, Gaadi wala Aaaya Gharse Kachra Nikal, Swatch Bharat Ka Iarada and Bharat Swachh Banayenge.

Best Swachh Bharat Abhiyan Poems | स्वच्छ भारत अभियान कविता

  1. स्वच्छ भारत का इरादा | स्वच्छ भारत अभियान – गीत
  2. गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल | श्याम बैरागी
  3. स्वच्छता अभियान | कविता कानन | रंजना वर्मा
  4. स्वच्छ भारत | लता सिन्हा ‘ज्योतिर्मय’
  5. शहर-गली में चर्चा है,स्वच्‍छ भारत अभियान की!
  6. सफाई का जो रखें ध्यान
  7. देशवासियों की यही है इच्छा,
  8. ‘स्वच्छ भारत का संकल्प’ | कनक मिश्रा | Bharat Swachh Banayenge Poem Lyrics

1.स्वच्छ भारत का इरादा | स्वच्छ भारत अभियान – गीत

स्वच्छ भारत का इरादा,

इरादा कर लिया हमने देश से अपने ये वादा,

ये वादा कर लिया हमने |

स्वच्छ भारत का इरादा,

इरादा कर लिया हमने देश से अपने ये वादा,

ये वादा कर लिया हमने |

स्वच्छ भारत का इरादा कर लिया हमने,

देश से अपने ये वादा कर लिया हमने |

स्वच्छ भारत का इरादा,

इरादा कर लिया हमने देश से अपने ये वादा,

ये वादा कर लिया हमने |

हमसे निकलेगी स्वच्छता की एक नदी,

छल-छल-छल कल-कल-कल,

एक धुली सी जिंदगी |

स्वच्छता की ज्योत लेकर घर-घर जायेंगे,

साफ़ सुधरी रौशनी में सब नहायेंगे |

स्वच्छ भारत का इरादा,

इरादा कर लिया हमने देश से अपने ये वादा,

ये वादा कर लिया हमने |

हर गली अब उन्नति की राह जाएगी, (जाएगी..)

धूप आशा की आँगन-आँगन गायेंगी, (गायेंगी..)

स्वप्न गाँधी जी का अब साकार करना है,

स्वच्छता का देश में अब त्यौहार करना है |

खुद से ही करनी होगी शुरुआत,

बनाये स्वच्छ भारत साथ-साथ |

एक पवित्र से हवा बहेगी,

उज्ज्वल-उज्ज्वल हो भारत |

कोना-कोना निर्मल होगा,

विश्व कहेगा जय भारत |

जाग उठेंगे भाग्य हमारे,

स्वच्छ बनेगा ये भारत |

जाग उठेंगे भाग्य हमारे,

स्वच्छ बनेगा ये भारत |

स्वच्छ भारत का इरादा,

इरादा कर लिया हमने देश से अपने ये वादा,

ये वादा कर लिया हमने |

ये वादा कर लिया हमने |

ये वादा कर लिया हमने |

2.गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल | श्याम बैरागी

देख देख देख तू यहाँ-वहाँ ना फेक
देख देख देख तू यहाँ-वहाँ ना फेक
देख फैलेगी बिमारी होगा सबका बुरा हाल
तो क्या करें भैया

गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल
गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल (×2)

देख देख देख तू यहाँ-वहाँ ना फेक
देख फैलेगी बिमारी होगा सबका बुरा हाल
अरे तो क्या करें भैया

गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल
गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल (×2)

सुन भैया, सुन बहना
मेरा है यह कहना
सब्जी के छिलके में
कतरन जो फल के में
घर मे पड़ी धूल डस्ट
हमको देता भारी कष्ट
पूजन के बाद बची, राख फूल-पाती में
कुछ चीज़ें सड़ी-गली बीमारी लाती है

देख देख देख कचड़ा यूँ ना कहीं फेक
देख देख देख कचड़ा यूँ ना कहीं फेक
देख मान भी जा बात मेरी देख यूँ ना टाल
अरे तो का करे भईया

गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल
गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल (×2)

कागज के टुकड़े में, ये अपने दुखड़े में
प्लास्टिक बेकार पड़ी, यूँ ना पॉलिथीन रखो
घर मे डस्टबिन रखो, एक दो तीन रखो
कुछ सूखे, कुछ गीले अलग-अलग कचड़े रखो
टूटे कांच कील टीन अपने घर ना खतरे रखो

देख देख देख कचड़ा यूँ ना कहीं फेक
देख देख देख कचड़ा यूँ ना कहीं फेक
देख खुद के तन की करना है
खुद को ही देखभाल
तो का करे भईया

गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल
गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल (×2)

नाली में फेकोगे कचड़ा तो देखोगे
नाली हो गयी है जाम, बंद हुआ सारा काम
फैली है दुर्गंध, बदबू से नाक बंद
मच्छर भी पनपेंगे, फिर हमको काटेंगे
और फिर मलेरिया घर-घर मे बांटेगे

देख देख देख कचरा यूँ ना कहीं फेक
देख देख देख कचरा यूँ ना कहीं फेक
देख आँचल फैलाया हूँ मैं कचड़ा लाके डाल
तो कहा फेके कचरा यार

गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल
गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल (×2)

देख देख देख तू यहाँ-वहाँ ना फेक
देख देख देख तू यहाँ-वहाँ ना फेक
देख फैलेगी बिमारी होगा सबका बुरा हाल

गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल
गाड़ी वाला आया घर से कचड़ा निकाल (×8)

गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल _ श्याम बैरागी

3. स्वच्छता अभियान | कविता कानन | रंजना वर्मा

बापू के स्वप्नों का
स्वच्छ
और सुन्दर भारत
मोदी जी की चाह
स्वच्छता की परवाह ।
नेता स्वच्छता कार्य में
प्रतिभाग करें
जनता स्वयं आयेगी
पीछे पीछे
वैसे ही
जैसे बच्चे
अनुकरण करते हैं
बड़ों का ।
देश सुधरे
देश सँवरे
नेक अभियान
इसमें
कैसा संकोच
कैसी थकान
स्वच्छता का अभियान
बनायेगा
हमारे देश को
प्रदूषण मुक्त
स्वच्छ
सुन्दर
भारत महान
होगा जिसका
सर्वत्र गुणगान॥

4.स्वच्छ भारत | लता सिन्हा ‘ज्योतिर्मय’

’’स्वच्छ भारत अभियान‘‘ नहीं
यह प्रगति पथ की सीढ़ी है
देश हमारा स्वच्छ रहे
जागरूक हुई नव-पीढ़ी है

सोच और परिवेश भी बदला
आवश्यक आदत बदले
इस मूलभूत दिनचर्या को
चलो अपनाएं सबसे पहले…

आस पास जब स्वच्छ रहे
तभी स्वस्थ रहेगा ये तनमन
मनमोहक वातावरण रहे
आनंदित गुजरेगा जीवन…

फेंक रहे जो गलि-मुहल्ले
अपने घर का गंद कहीं
उस मलवे के ढेरों से क्या
उठे कोई दुर्गंध नहीं…?

हैं जीवाणु, कई रोगों के
लहराते इन्हीं फिजाओं में
दम भर-भर सांसे हम लेते
इन दूषित हुई हवाओं में….

बीमार अगर जब होंगे
बीमार पड़ेगी बस्ती भी
संपत्ति होती है, सेहत!
फिर… लाख दवा हो सस्ती भी..!

हम स्वच्छ बनाएं घर अपना
हर गली-मुहल्ला निर्मल हो।
घर, शहर, देश सब स्वच्छ रहे
और स्वच्छ हमारा भू-तल हो।।

लो आ गया नया ज़माना, 

स्वच्छ भारत  बन गया है एक बहाना।

क्या भारत की स्वच्छता का इरादा ,

टूट रहा है यह स्वच्छ भारत का वादा।

सैलानी  हैं  आते यहाँ, 

दिखती है गंदगी देखें जहाँ ।

क्या  वैष्णो देवी की पवित्र पहाड़ियां,

लिपटी  जो रहतीं  हैं,  बर्फीली  साड़ियां ।

एवं  मनुष्य  की अपवित्रता  का साथ,

दया करो हम पर तो भैरवनाथ ।

इसी गंदगी का करना है अंत,

तभी काम करेंगी भक्ति और मेलों में प्रभु या संत ।

Credit:Sahaj Sabharwal

5.शहर-गली में चर्चा है,स्वच्‍छ भारत अभियान की!

शहर-गली में चर्चा है,
स्वच्‍छ भारत अभियान की!

आओ बच्चों तुम्हें बताएं,
महत्ता कचरा दान की।

बिना प्रबंधन बीमारी,
फैले जो दुश्मन जान की।

उचित प्रबंधन खाद बनाता,
करता मदद किसान की।

शहर-गली में चर्चा है,
स्वच्‍छ भारत अभियान की!

कपड़े की झोली विकल्प है
पॉलीथिन की थैली की।

लहर चल रही सभी ओर अब,
मोदी के अभियान की!

शहर-गली में चर्चा है,
स्वच्‍छ भारत अभियान की!

शौचालय के लाभ समझना,
जरूरत हर इंसान की।

तुम्हारे कंधों पर निर्भर है,
सफलता इस अभियान की!

शहर-गली में चर्चा है,
स्वच्‍छ भारत अभियान की!

6.सफाई का जो रखें ध्यान

सफाई का जो रखें ध्यान
बिमारियों से बचती जान
ख्वाब से न कोई आगे बढ़ता
बस कर्मों से बनता महान,
इधर उधर न फैंक के कूड़ा
कूड़ेदान में हमें पहुँचाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है।
न फैंके नदियों में कूड़ा
न प्लास्टिक का उपयोग करें
कुदरत को नुक्सान न हो
ऐसी चीजों का उपभोग करें,
वातावरण को भी तो हमको
प्रदुषण मुक्त बनाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है
भारत को स्वच्छ बनाना है

7.देशवासियों की यही है इच्छा,

देशवासियों की यही है इच्छा,

गंदगी से हो भारत की रक्षा।

शपथ लो अपना कर्तव्य निभाओगे,

इधर-उधर कूड़ा ना फैलाओगे।।

स्वच्छ भारत होगा गौरवशाली,

सबके लिए लायेगा खुशियां निराली।

देश का गौरव तभी बढ़ेगा,

जब देश स्वच्छता की राह पर बढ़ेगा।।

इसी स्वच्छता के लिए शुरु हुआ एक अभियान,

जो लोगों में जगा रहा नया स्वाभिमान।

आओ सब साथ मिलकर ले संकल्प,

स्वच्छता अपनाकर करेंगे देश का कायाकल्प।।

हर भारतवासी का बस यही अभिमान,

पूर्ण हो अपना स्वच्छ भारत अभियान।

8.‘स्वच्छ भारत का संकल्प’ | कनक मिश्रा | Bharat Swachh Banayenge Poem Lyrics

स्वच्छ भारत के स्वप्न को

सबको मिलकर पूरा करना है।

देश कि प्रगति को तो अब

हम भारतवासियों को ही सुनिश्चित करना है।।

माना कि मंजिल दूर बहुत है

फिर भी हिम्मत से आगे बढ़ना है।

देश के बच्चों, बूढ़ों को अब

एक ही रफ्तार से आगे चलना है।।

साफ हो हर घर, गली, चौराहा

यह बात सुनिश्चित करना है।

देश को खुले में शौच जाने से

अब मुक्ति हमें दिलाना है।।

आओ मिलकर संकल्प करें

कि सब कूड़ेदान का ही उपयोग करें।

देश के कोने-कोने को चमकाकर

आओ नया इतिहास रचें।।

स्वच्छ भारत के एक स्वप्न को

आओ मिल कर साकार करें।

बच्चों को बचपन से ही हम

स्वच्छता का अब ज्ञान दें।।

स्वच्छ रहेगा जब अपना भारत

तभी तो स्वस्थ बन पाएगा।

डेंगू, चिकनगुनिया से अब हमको

स्वच्छता ही आजादी दिलाएगा।।

स्वच्छता के हैं कई फायदे

जो आजीवन काम आएंगे।

कुछ आपके व्यक्तित्व की आभा बढ़ाकर

तो कुछ देश हित के लिए जाने जाएंगे।।

स्वच्छ बनेगा अपना भारत

अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं।

जागरूक है देश का अब हर नागरिक

पूरे होंगे स्वच्छता के अभियान सभी।।

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