Last Updated on August 8, 2023
If you are looking for the best Nida Fazli Poems | निदा फ़ाज़ली की कविताएँ then here we have the best collection of Nida Fazli Poetry.
Read and enjoy the beautiful Nida Fazli Love Poems.
Best Nida Fazli Poems | निदा फ़ाज़ली की कविताएँ
Here we have the 10+ Best Nida Fazli Poems | निदा फ़ाज़ली की कविताएँ.
- 1.कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता / निदा फ़ाज़ली
- 2.नया दिन | निदा फ़ाज़ली
- 3.मुँह की बात | निदा फ़ाज़ली
- 4.जंग | निदा फ़ाज़ली
- 5.अब ख़ुशी है न कोई ग़म रुलाने वाला | निदा फ़ाज़ली
- 6.अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं / निदा फ़ाज़ली
- 7.बदला न अपने आप को जो थे वही रहे | निदा फ़ाज़ली
- 8.मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये | निदा फ़ाज़ली
- 9.लफ़्ज़ों का पुल | निदा फ़ाज़ली
- 10.तेरा नाम नहीं | निदा फ़ाज़ली
1.कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता | निदा फ़ाज़ली
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीं तो कहीं आसमाँ नहीं मिलता
बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले
ये ऐसी आग है जिसमें धुआँ नहीं मिलतातमाम शहर में ऐसा नहीं ख़ुलूस न हो
जहाँ उमीद हो सकी वहाँ नहीं मिलताकहाँ चिराग़ जलायें कहाँ गुलाब रखें
छतें तो मिलती हैं लेकिन मकाँ नहीं मिलताये क्या अज़ाब है सब अपने आप में गुम हैं
ज़बाँ मिली है मगर हमज़बाँ नहीं मिलताचिराग़ जलते ही बीनाई बुझने लगती है
खुद अपने घर में ही घर का निशाँ नहीं मिलताजिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम है
ज़ुबाँ मिली है मगर हमज़ुबा नहीं मिलतातेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार न हो
जहाँ उम्मीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता
- Atal Bihari Vajpayee Poems | अटल बिहारी वाजपेयी कविताएँ
- Suryakant Tripathi “Nirala” Poems In Hindi|सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला कविताये
2.नया दिन | निदा फ़ाज़ली
सूरज एक नटखट बालक सा
दिन भर शोर मचाए
इधर-उधर चिड़ियों को बिखेरे
किरनों को छितराए
क़लम, दराँती, ब्रश, हथौड़ा
जगह-जगह फैलाएशाम!
थकी-हारी माँ जैसी
एक दिया जिलाए
धीमे-धीमे
सारी बिखरी चीज़ें चुनती जाए
3.मुँह की बात | निदा फ़ाज़ली
मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में
ख़ामोशी पहचाने कौन।सदियों-सदियों वही तमाशा
रस्ता-रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है जाने कौन।जाने क्या-क्या बोल रहा था
सरहद, प्यार, किताबें, ख़ून
कल मेरी नींदों में छुपकर
जाग रहा था जाने कौन।मैं उसकी परछाई हूँ या
वो मेरा आईना है
मेरे ही घर में रहता है
मेरे जैसा जाने कौन।किरन-किरन अलसाता सूरज
पलक-पलक खुलती नींदें
धीमे-धीमे बिखर रहा है
ज़र्रा-ज़र्रा जाने कौन।
- गणतंत्र दिवस 2020 पर कविता देशभक्ति पर कविताएँ Patriotic Poems in Hindi | Desh Bhakti Kavita Sangrah
- Harivansh Rai Bachchan Poems | हरिवशं राय बच्चन की कविताएँ | Agneepath Poem
4.जंग | निदा फ़ाज़ली
सरहदों पर फ़तह का ऐलान हो जाने के बाद
जंग!
बे-घर बे-सहारा
सर्द ख़ामोशी की आँधी में बिखर के
ज़र्रा-ज़र्रा फैलती है
तेल
घी
आटा
खनकती चूड़ियों का रूप भर के
बस्ती-बस्ती डोलती हैदिन-दहाड़े
हर गली-कूचे में घुसकर
बंद दरवाजों की साँकल खोलती है
मुद्दतों तक
जंग!
घर-घर बोलती है
सरहदों पर फ़तह का ऐलान हो जाने के बाद
5.अब ख़ुशी है न कोई ग़म रुलाने वाला | निदा फ़ाज़ली
अब खुशी है न कोई ग़म रुलाने वाला
हमने अपना लिया हर रंग ज़माने वालाहर बे-चेहरा सी उम्मीद है चेहरा चेहरा
जिस तरफ़ देखिए आने को है आने वालाउसको रुखसत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वालादूर के चांद को ढूंढ़ो न किसी आँचल में
ये उजाला नहीं आंगन में समाने वालाइक मुसाफ़िर के सफ़र जैसी है सबकी दुनिया
कोई जल्दी में कोई देर में जाने वाला
- Hindi Poems on Nature | प्रकृति पर कविताएँ| प्रकृति पर हिंदी बाल कविताएँ
- सुभद्राकुमारी चौहान कविताएं | Subhadra Kumari Chauhan Poems in Hindi
6.अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं | निदा फ़ाज़ली
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैंपहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता है
अपने ही घर में किसी दूसरे घर के हम हैंवक़्त के साथ है मिट्टी का सफ़र सदियों तक
किसको मालूम कहाँ के हैं किधर के हम हैंचलते रहते हैं कि चलना है मुसाफ़िर का नसीब
सोचते रहते हैं कि किस राहगुज़र के हम हैंगिनतियों में ही गिने जाते हैं हर दौर में हम
हर क़लमकार की बेनाम ख़बर के हम हैं
7.बदला न अपने आप को जो थे वही रहे | निदा फ़ाज़ली
बदला न अपने आप को जो थे वही रहे
मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहेदुनिया न जीत पाओ तो हारो न ख़ुद को तुम
थोड़ी बहुत तो ज़हन में नाराज़गी रहेअपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी
हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहेगुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलो
जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे
- महादेवी वर्मा कविताएँ | Mahadevi Verma Poems in Hindi
- Sohanlal Dwivedi Poems | सोहनलाल द्विवेदी कविताएं
8.मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये | निदा फ़ाज़ली
मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये
जहाँ तक हो अदाकारी से बचियेहर एक सूरत भली लगती है कुछ दिन
लहू की शोबदाकारी से बचियेशराफ़त आदमियत दर्द-मन्दी
बड़े शहरों में बीमारी से बचियेज़रूरी क्या हर एक महफ़िल में आना
तक़ल्लुफ़ की रवादारी से बचियेबिना पैरों के सर चलते नहीं हैं
बुज़ुर्गों की समझदारी से बचिये
9.लफ़्ज़ों का पुल | निदा फ़ाज़ली
मस्जिद का गुम्बद सूना है
मंदिर की घंटी खामोश
जुज्दानो मे लिपटे सारे आदर्शों को
दीमक कब की चाट चुकी है
रंग !
गुलाबी
नीले
पीले कहीं नहीं हैं
तुम उस जानिब
मैं इस जानिब
बीच में मीलों गहरा गार
लफ़्ज़ों का पुल टूट चुका है
तुम भी तनहा
मैं भी तनहा।
10.तेरा नाम नहीं | निदा फ़ाज़ली
तेरे पैरों चला नहीं जो
धूप छाँव में ढला नहीं जो
वह तेरा सच कैसे,
जिस पर तेरा नाम नहीं?तुझसे पहले बीत गया जो
वह इतिहास है तेरा
तुझको हीं पूरा करना है
जो बनवास है तेरा
तेरी साँसें जिया नहीं जो
घर आँगन का दिया नहीं जो
वो तुलसी की रामायण है
तेरा राम नहीं.तेरा हीं तन पूजा घर है
कोई मूरत गढ़ ले
कोई पुस्तक साथ न देगी
चाहे जितना पढ़ ले
तेरे सुर में सजा नहीं जो
इकतारे पर बजा नहीं जो
वो मीरा की संपत्ति है
तेरा श्याम नहीं.
I hope you liked the best Nida Fazli Poems in Hindi | निदा फ़ाज़ली की कविताएँ. Please share these Nida Fazli Poems with your freinds and family.
- 10 Diwali Poems In Hindi| दीवाली पर हिन्दी कविताएँ
- 10+ Marriage Anniversary Poems in Hindi
- Top 10+ Life Poems in Hindi | जिंदगी पर कविताएँ
- Top 10+ Bulleh Shah Poems in Hindi | बुल्ले शाह कविताएं
- Tulsidas Poems in Hindi | तुलसीदास जी के कविताएं
- 6+ Swachh Bharat Abhiyan Poems | स्वच्छ भारत अभियान कविता
- Top 10+ Nida Fazli Poems in Hindi | निदा फ़ाज़ली की कविताएँ
- Top 10 Faiz Ahmed Faiz Poems in Hindi|
- 9+ Shiv Kumar Batalvi Poems
- 15 Best Piyush Mishra Poems in Hindi | पीयूष मिश्रा की कविताए
Leave a Reply